A moral story in Hindi- हार नहीं मानना है

चील की कहानी:- डर को पार कर उड़ान भरने की यात्रा

A moral story in Hindi- हार नहीं मानना हैये कहानी हमें सिखाती है,जैसे कभी लगे कि हारने वाले हो थोड़ा सा और जोर के साथ आगे बढ़े और जीते बहुत समय पहले, एक घने जंगल के बीच एक ऊँचे पहाड़ की चोटी पर एक छोटी सी चील का घोंसला था। यह चील छोटी  थी, लेकिन उसके सपने बड़े थे।

हर दिन, जब सूरज की किरणें पहाड़ों के ऊपर से छिटककर जंगल की हरियाली पर पड़तीं, चील आकाश को देखती और मन ही मन सोचती, काश! मैं भी इन बादलों के बीच उड़ सकती। परंतु डर उसे हमेशा रोकता था। वह सोचती, मैं बहुत छोटी हूँ। अगर हवा ने मुझे उड़ा दिया, तो? या फिर, अगर मैंने उड़ते हुए अपना संतुलन खो दिया तो क्या होगा?

चील का दिल अपने सपनों की ओर खींचता था, लेकिन डर के कारण वह कभी भी उड़ने का साहस नहीं जुटा पाती थी। उसकी माँ ने उसे हमेशा यह सिखाया था कि उड़ान उसकी असली पहचान है, लेकिन वह हमेशा घबराई रहती थी। उसका मानना था कि उड़ान भरने से उसे कई खतरे हो सकते हैं।

एक दिन, सुबह-सुबह सूरज के साथ ही चील ने आकाश की ओर देखा। इस बार उसका मन कुछ और ही कह रहा था। वह सोच रही थी कि अगर वह अपने डर से पार पाकर उड़ान भरे, तो क्या यह उसका सबसे बड़ा कदम होगा? क्या वह इस पल को अपने जीवन का अहम हिस्सा बना पाएगी ? उसके मन में बहुत सवाल थे, लेकिन एक अजीब सा साहस भी था, जो उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा था।

वह धीरे-धीरे घोंसले से बाहर निकली। नीचे का दृश्य उसे आकर्षित कर रहा था, लेकिन उसके कदम डगमगाने लगे थे। घबराहट के साथ उसने एक लंबी साँस ली और पंखों को फैलाया। उसकी आँखें बंद हो गईं और उसने दिल में यह सोचा,  मुझे एक बार कोशिश करनी चाहिए।

वह उड़ान भरने के लिए तैयार थी, लेकिन पहला कदम सबसे कठिन था। उसने अपने पैरों से घोंसला छोड़ते हुए आकाश में अपनी उड़ान शुरू की। पहले कुछ मिनटों में उसकी उड़ान स्थिर नहीं थी। वह डगमगा रही थी, कभी नीचे जाती और कभी ऊपर उड़ने की कोशिश करती। उसकी आँखों में डर था, लेकिन दिल में एक उम्मीद भी। आकाश में उड़ते हुए वह महसूस कर रही थी कि उसकी असली ताकत तो उसकी पंखों में है, जो उसकी हिम्मत और  साहस से जुड़ी हुई हैं।

धीरे-धीरे उसकी उड़ान मजबूत होने लगी।  वह अब खुली हवा में, पूरी आज़ादी से उड़ रही थी। जैसे-जैसे वह ऊँचाई पर जाती, उसका डर कम होता गया। उसने आकाश की विशालता को महसूस किया और उसे यह अहसास हुआ कि डर केवल उसके मन का निर्माण था, जो उसे केवल उसकी उड़ान से रोकने के लिए था। आकाश ने उसे अपनी बाहों में समेट लिया था, और अब उसे ऐसा लगने लगा था जैसे वह पूरे विश्व का हिस्सा बन गई हो।

चील के उड़ते हुए, उसे नीचे बिखरी हुई  दुनिया साफ-साफ दिखने लगी। वह पहाड़, नदी, जंगल, और मैदान सब कुछ देख पा रही थी। उसे महसूस हुआ कि अगर वह डर के कारण उड़ने से रुक जाती, तो इन सब नजारों को कभी नहीं देख पाती। उसने अपने जीवन का सबसे बड़ा कदम उठाया था। अब वह अपने सपनों के आसमान में उड़ रही थी, और उसकी हर उड़ान उसे और भी ताकतवर बना रही थी।

A moral story in Hindi- हार नहीं मानना है

A moral story in Hindi – अब चील को समझ में आ गया था कि  जीवन में डर होना स्वाभाविक है, लेकिन अगर हम उस डर से लड़कर अपने डर का सामना करते हैं, तो हम वह सब कुछ पा सकते हैं, जो हमारे दिल में छिपा होता है। उड़ान की शुरुआत भले ही मुश्किल हो, लेकिन अंत में वह सफर इतना सुंदर होता है कि डर पूरी तरह से गायब हो जाता है।

यह A moral story in Hindi- हार नहीं मानना है ,कहानी हमें यह सिखाती है कि हमें  अपने सपनों के पीछे भागने के लिए अपने डर को पराजित करना पड़ता है। कभी-कभी हमारे सपने सिर्फ हमारे डर के कारण अधूरे रह जाते हैं। चील ने जो उड़ान भरी, वही हम सभी को भी अपने जीवन में करनी चाहिए – डर से लड़कर, साहस से और आत्मविश्वास से।

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धन्यवाद,

जय हिंद

 

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