Gautam Buddha Story In Hindi

बुद्ध की छोटी सी कहानी(Buddha ki choti si kahani)

हैलो दोस्तों आप पढ़ रहे हैं बुद्ध की कहानी

Buddha ki choti si kahani

आप सोचिए अगर आपको कोई एक एक बात भी कह दे तो हम बौखला जाते हैं,

सोचो अगर कोई आपके ऊपर थूक दे तो क्या करेंगे ये कहानी जो सच्ची में घटी थी बुद्ध के साथ में ,उन्होंने क्या किया यही कहानी में पढ़ेंगे चलते है कहानी की ओर

एक समय की बात है भगवान बुद्ध (Buddha) जंगल में कहीं जा रहे थे चलते चलते वह कुछ रास्तों में भटक जाते हैं और कुछ कर नहीं  सकते हैं उनके अनुयाई कहते हैं कि वह कि भगवान अगर हम भूखा रहे हैं तो हम बीमार हो सकते हैं क्यों न  हम किसी गांव में विश्राम करें  बुद्ध को उनकी बातें सुनकर लगता है कि हमें गांव में ही विश्राम करना चाहिए तो बुद्ध गांव की ओर निकल जाते हैं अपने सारे अनुयायियों के साथ में, साथ में निकलने के बाद बुद्ध जिस मार्ग से जाते हैं।

उस मार्ग में जितने भी लोगों का घर आता है,सभी बुद्ध से इतना प्रेम स्नेह करते हैं कि सब उनके आदर सम्मान में खड़े हो जाते हैं और द्वार पर खड़े होकर उन्हें प्रणाम करते हैं ।

बुद्ध भी उनका मार्गदर्शन करते हुए आगे बढ़ते हैं परंतु उसे गांव में एक व्यक्ति ऐसा भी था जिसे हमेशा बुद्ध से ईर्ष्या होती थी, उसे ऐसा लगता था बुद्ध हमेशा जो करते हैं वह गलत है वह ऐसा कैसे कर सकते हैं इतने शांत कैसे हो सकते हैं ।

कोई व्यक्ति इतना शांत कैसा हो सकता है उसे हमेशा यह लगता था ,वह उस दिन बुद्ध से मिला रास्ते पर ,रास्ते पर मिलने के बाद वह बुद्ध से कुछ कहा नहीं और सीधा बुद्ध के ऊपर उसने थूक दिया जी हां उसने थूक दिया , जिससे वहां के सभी लोग गुस्सा हो गए फिर भी बुद्ध ने कुछ नहीं कहा, बुद्ध मुस्कुराए और वहां से चले गए ।

वह व्यक्ति वही खड़ा रहा कुछ समय तक सोचता रहा कि अरे मैंने यह क्या कर दिया और मैंने जो किया वह अच्छा किया वह मन ही मन में खुश होता है ।

यह बात जाकर अपने घर पर अपनी पत्नी को बताता है अपनी पत्नी को बताने के पश्चात वह बहुत खुश होता है उसकी पत्नी कहती है ,आपने जो भी किया वह गलत किया आपको ऐसा नहीं करना चाहिए था ,तो वह कहता है नहीं मैं देखना चाहता था कि बुद्ध इस परिस्थिति में क्या करते हैं आगे कहता है ,लेकिन वह मुस्कुराए औरत चले गए उनकी पत्नी कहती है देखिए वह महान इसीलिए है, कि लोग उनसे प्रेरित इसलिए होते हैं ,कि वह हमेशा से जैसे थे वैसे हैं।

किसी को देखकर वह अपना रूप नहीं बदल लेते हैं, कुछ समय बाद है जब वह सोने के लिए  बिस्तर पर जाता है,उस व्यक्ति को एहसास होता है यार मैं थूक तो दिया लेकिन बुद्ध ने  हमें कुछ भी नहीं कहा वो चाहते कुछ भी कह सकते थे,मुझे मार भी सकते थे और यह बात उसके मन में लग जाती है और  धीरे-धीरे यह बात उसके मन में भी खाई जाती है ।

कुछ दिन बाद ही, बुद्ध की तलाश में निकल जाता है उनके माफ़ी मांगने,दो-चार दिन बाद उने बुद्ध मिल जाते है,फिर कहते हैं ना जब मन में है कि मुझे माफी मांगना है और कुछ अच्छा करना है तो वह अच्छा होकर ही रहता है तो ऐसी कुछ दिनों बाद उसे खबर मिलती है कि गांव में बुद्ध आने वाले हैं जब आते हैं तो उधर जब आते हैं उसके बाद मिलते हैं बातें करते हैं

वह व्यक्ति वहां पर पहुंच जाता है गांव के बीच में और समस्त गांव वालों के बीच में पहुंचकर बुद्ध से माफी मांगता है और कहता है कि मैंने जानबूझकर थूक दिया था फिर भी आपने मुझे जवाब नहीं दिया मुस्कुरा कर आप चले गए यह बात मैंने अपने घर पर बताई पत्नी को बताएं पत्नी ने मुझे समझाया फिर मुझे  समझ आया , जब मैं एकांत में बैठकर सोच रहा था तब मुझे एहसास हुआ ।

कि जो भी मैंने किया वह गलत किया मुझे वह नहीं करना चाहिए था तो मैं क्षमा प्रार्थी हूं मुझे माफ कीजिए बुद्ध मुस्कुराते हैं और कहते हैं कौन सी बात कब हुई थी वह व्यक्ति अच्छे सुनता है फिर कहानी दोहराता है , सारी बात बताता है बुद्ध को बुद्ध ऐसे ही नहीं कहते हैं,बुद्ध कहते है देखिए जैसे कुछ सामान या कुछ वस्तुएं आप हमें भेंट करते हैं अगर हमने लिया तो वह हमारा हो गया अगर हमने नहीं लिया तो

आपका ही रह गया इसी प्रकार गली या दुर्व्यवहार है या फिर कुछ और मैंने वह नहीं स्वीकारा तो वो मेरा नहीं हुआ ,वो आपके पास ही रहा गया ,लेकिन यही बात आपके मन में खाए जा रही है क्यों कि वो आपके पास रहा गया,इसी तरीके से अगर आपका स्वभाव आपकी सोचने की शक्ति जैसी भी है

अगर आप हमेशा ऐसे ही सोचते रहेंगे अच्छा सोचेंगे अच्छा अपनाएंगे तो आपके भीतर ही रहेगी बुरा सोचेंगे बुरा अपनाएंगे तो भी आपकी भीतर ही जाएगी तो उससे यह साबित होता है कि आपको क्या रखना है और क्या छोड़ देना है इसी प्रकार बुद्ध कहते हैं और आगे बढ़ने लग जाते हैं वह व्यक्ति वहां पर खड़े होकर उनको नमन करता है और कहता है कि बुद्ध मुझे आपका अनुयाई बना लीजिए इसके बाद वह बुद्ध (Buddha) के साथ जंगल में चल जाता है हर वहां पर ही रहता है उनके साथ हमेशा उनके नियमों का पालन करते हुए लोगों मार्गदर्शन देता है।

यह थी बुद्ध (Buddha)की छोटी सी कहानी , बुद्ध (Buddha)कहानी पढ़ने के बाद कैसी लगी कमेंट करके बताएं और ऐसे और कहानियां पढ़ने के लिए हमें फॉलो कर सकते हैं hindistories24.com और youtube @Storiesbygulabgautam चैनल पर भी जा सकते है

धन्यवाद

जय हिंद

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